चुनाव में राजनीतिक दल आपराधिक छवि के लोगों को भी मैदान में उतार देते हैं, ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानने का हक मतदाताओं का है इसीलिए चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रहा है, जिसके तहत अगर उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे अपने क्षेत्र में तीन बार प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करना होगा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रसारित करना होगा, जिसमें उसे यह बताना होगा कि उस पर इस तरह के प्रकरण दर्ज हैं। इसी तरह राजनीतिक दल को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा और बताना होगा कि उनको आपराधिक पृष्ठभूमि का उम्मीदवार ही क्यों चुनना पड़ा, उन्हें बताना पड़ेगा क्या उसे क्षेत्र में कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला है और उसने आपराधिक छवि के व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों बनाया। राजीव कुमार ने बताया कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं मुहैया करने के लिए राज्य के अधिकारियों से चर्चा की गई है।