इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा और कांग्रेस समेत कई पार्टियां अभी से तैयारियों में जुट गई हैं। चुनाव को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस वक्त राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है। वहीं कांग्रेस मुख्य रूप से विपक्ष की भूमिका निभा रही है। इस चुनाव में भाजपा अपने विकास कार्यो और जनहितकारी योजनाओं को लेकर सरकार रिपीट करने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनता के बीच जाएगी। इस बीच ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह इस चुनाव में अहम भूमिका अदा करेंगे।
एमपी की राजनीति गरमाई
मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होंगे। राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। कांग्रेस इस बार सत्ता में काबिज होने की पूरी कोशिश करेगी। राहुल गांधी पहले ही राज्य में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर चुके हैं। इस बीच अब मैदान में दिग्विजय सिंह को उतार कर बड़ा दांव खेला जा सकता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों मतदाताओं को रिझाने के लिए फरवरी में अपना पहला मेगा पावर शो शुरू करेंगे। गणतंत्र दिवस के मौके पर कांग्रेस सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अपना ‘हाथ से हांथ’ मार्च निकालेगी जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ करेंगे। वहीं भाजपा च फरवरी से अपनी ‘विकास यात्रा’ शुरू करेगी।
दिग्विजय सिंह बनेंगे ट्रंप कार्ड
बता दें कि दिग्विजय सिंह दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति में उनका कद काफी बड़ा माना जाता है। वह लगातार राजनीतिक विरोधियों पर हमला करते रहे हैं। इस बार भी अगर उनकी एंट्री होती है तो राज्य की सियासत एक बार फिर गरमा जाएगी। ऐसी आशंका है कि ‘भारत जोडो यात्रा’ इस महीने के अंत तक जम्मू-कश्मीर तक पहुंच जाएगी। इसके बाद दिग्विजय सिंह एमपी विधानसभा चुनाव की बागडोर संभालेंगे। राहुल गांधी भी इस चुनाव में सक्रिय नजर आ सकते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस हमलावर
जब से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामा है। तब से कांग्रेस के कई नेता उनपर हमलावर हैं। आजकल राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सिंधिया पर हमला कर रहे हैं। इसके साथ वह सिंधिया पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि सिंधिया ने अपने ग्वालियर से ही “राजनीतिक रूप से बेमानी” की हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार में शामिल होते हैं तो सिंधिया पर हमले और भी तेज हो जाएंगे।