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MP सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की शुरू की कवायद

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन और राज्य के छोटे शहरों में कुछ श्रेणियों में आर्थिक गतिविधियों की मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत पर भी बल दिया। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित कर पटरी पर लाने के उपाय शुरू कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित करने और कोरोना संकट के समाप्त होने पर राज्य को वित्तीय गति प्रदान करने के उपायों के लिये राज्यस्तरीय समिति का गठन किया है।” उन्होंने बताया, “हम कोरोना वायरस के बारे में केंद्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जल्द ही विनिर्माण उद्योगों को उत्पादन बहाल करने की अनुमति देने की योजना बना रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन और राज्य के छोटे शहरों में कुछ श्रेणियों में आर्थिक गतिविधियों की मंजूरी दी है। लेकिन महामारी के प्रकोप से सुरक्षित क्षेत्रों में चलने वाली इकाइयों में उन मजदूरों या अन्य कर्मचारियों को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती जो फिलहाल किसी संक्रमित इलाके में रह रहे हैं। 

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उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार की मंजूरी वाले उद्यमों में संक्रमण से बचाव के सभी उपायों, जैसे मास्क, सैनिटाइजर आदि का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए और जहां तक संभव हो सके, श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर ही रहने की व्यवस्था की जानी चाहिए। 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हालांकि इंदौर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सूबे के सर्वाधिक संवेदनशील जिले के रूप में सामने आया है। लेकिन इस महामारी के प्रकोप को देखते हुए इस प्रमुख औद्योगिक केंद्र के आस-पास कुछ फार्मा इकाइयों को मंजूरी दी गयी है ताकि जरूरी दवाओं का उत्पादन जारी रह सके। 
सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि राज्य को कोरोना संकट के चलते 2,000 करोड़ रुपये से 3,000 हजार करोड़ रुपये के मासिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर के पड़ोस के धार जिले का पीथमपुर, सूबे के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में शामिल है। 
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने बताया कि इस क्षेत्र की करीब 850 छोटी-बड़ी इकाइयों में से फार्मा, पैकेजिंग और खाद्य प्रसंस्करण के कुछेक संयंत्रों को छोड़कर अन्य कल-कारखाने लॉकडाउन के चलते बंद पड़े हैं। बहरहाल, प्रदेश सरकार पीथमपुर में धीरे-धीरे औद्योगिक हलचल दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रही है। 
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) की इंदौर इकाई के प्रमुख कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि पीथमपुर की करीब 300 औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन बहाल करने की अनुमति दी गयी है। लेकिन आवश्यक रख-रखाव और मानव संसाधन की व्यवस्था के मद्देनजर इनमें से अधिकांश इकाइयों को फिर से काम-काज शुरू करने में कुछ दिन लग सकते हैं। 
पुरुषोत्तम ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे इंदौर जिले में अब तक चरणबद्ध तरीके से फार्मा संयंत्रों, आटा मिलों, दाल मिलों और वेयरहाउसों समेत 300 से ज्यादा इकाइयों को पहले ही अनुमति दी जा चुकी है।

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