मध्य प्रदेश में समस्याग्रस्त महिलाओं की जिंदगी में बदलाव लाने की मुहिम जारी है। महिलाओं केा स्वरोजगार के बेहतर अवसर मुहैया करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजन के तहत प्रशिक्षण दिया गया रहा है ताकि इससे महिलाएं आर्थिक तौर पर सक्षम हो सकें।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के द्वारा विपत्तिग्रस्त ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में अन्य कोई सदस्य न हो उन्हें स्वरोजगार प्रशिक्षण का अवसर दिया जा रहा है। विपत्तिग्रस्त महिलाओं में दुराचार पीड़ित, एसिड अटैक अथवा अग्नि दुर्घटना से पीड़ित, दहेज प्रताड़ना की शिकार अथवा दुर्व्यापार से बचायी गई महिलाएं शामिल हैं।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी मे बताया गया है कि सामाजिक कुप्रथाओं का शिकार महिलाएं, तलाकशुदा अथवा परित्यक्ता, जेल से रिहा महिलाएं यदि गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रही हैं तो उन्हें भी प्रशिक्षण का अवसर दिया जाएगा। आश्रय गृह, बालिका गृह तथा अनुरक्षण गृह में रहने वाली विपत्तिग्रस्त महिलाओं को भी इसका लाभ दिया जायेगा।
इसके तहत प्रशिक्षण का लाभ लेने के लिये 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ावर्ग की 50 वर्ष तक की महिलाओं को इसका लाभ दिया जाएगा। मानसिक असंतुलन की शिकार की महिलाओं को प्रशिक्षण का अवसर नहीं मिलेगा। विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिये निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होने पर ही आवेदन पत्र स्वीकार किए जाएंगे।
बताया गया है कि इन महिलाओं केा जो प्रशिक्षण दिए जा रहे है उनमें फामेर्सी, नसिर्ंग, फिजियोथेरेपी, वार्ड परिचर, ब्यूटीशियन, शार्ट टर्म मैनेजमेंट कोर्स, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, कोपा, हॉस्पिटालिटी, होटल मैनेजमेंट, प्रयोगशाला सहायक तथा केवल शासीय संस्थानों से बीएड तथा डीएड शामिल हैं। विपत्तिग्रस्त महिलाएं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से सम्पर्क करके प्रशिक्षण के लिये आवेदन पत्र जमा कर सकती हैं।