इंदौर : मॉनसून की अच्छी बारिश होने की स्थिति में गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध सितंबर में 138.68 मीटर के पूर्ण जलाशय स्तर तक भर सकता है। इस अनुमान के मद्देनजर मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के किनारे बसी बड़ी आबादी को संभावित डूब से बचाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस सिलसिले में राज्य के नर्मदा घाटी विकास एवं पुनर्वास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ‘हनी’ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी।
जनसम्पर्क विभाग की जारी सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के आयुक्त पवन कुमार शर्मा ने एक अनुमान के हवाले से बताया कि मॉनसून की अच्छी बारिश होने पर सितम्बर में सरदार सरोवर बांध 138.68 मीटर के पूर्ण जलाशय स्तर तक भर सकता है। लिहाजा मध्यप्रदेश के धार और बड़वानी जिलों में नर्मदा नदी के किनारों के डूब संभावित इलाकों में बसे लोगों के विस्थापन और पुनर्वास के लिये तत्काल कदम उठाना जरूरी है।
नर्मदा घाटी विकास एवं पुनर्वास मंत्री बघेल ने बैठक में अलग-अलग विभागों के अफसरों को निर्देश दिये कि 20 जून तक दोनों जिलों में सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों को आवास, पेयजल और सड़क समेत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें।
इस बीच, नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दावा किया कि अगर सरदार सरोवर बांध को 138.68 मीटर की ऊंचाई तक भरा जाता है, तो इससे मध्यप्रदेश के एक कस्बे और 176 गांवों में बसे कम से कम 40,000 परिवारों को विस्थापन की त्रासदी झेलनी पड़ेगी।
मिश्र ने आरोप लगाया, ‘मध्यप्रदेश में इस बांध के ज्यादातर विस्थापितों को न तो सही मुआवजा मिला है, न ही उनके पुनर्वास के उचित इंतजाम किये गये हैं।’