राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मध्यप्रदेश में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यह प्रदेश के एक ईसाई मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा था। एनसीपीसीआर ने बताया कि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) की 15-20 हिंदू लड़कियां छात्रावास में रह रही थी। ये इन लड़कियों को शिक्षा देने के नाम पर ईसाई मिशनरी छात्रावास में लाया गया है।
‘एनसीपीसीआर’ ने किया था औचक निरीक्षण
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के अंतर्गत एक गांव में स्थित छात्रावास का औचक निरीक्षण किया था। अध्यक्ष ने कहा, हमें बताया गया कि इन लड़कियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया था लेकिन तथ्य यह है कि इसके परिसर में कोई स्कूल भवन नहीं है। हमें यह भी पता चला है कि इन लड़कियों को कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए लाया गया था और उन्हें यहां प्रशिक्षित किया जा रहा है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि कई लड़कियों को पूर्वोत्तर से लाया गया है।
लड़कियों के कमरे से मिली धार्मिक ग्रन्थ और धर्म परिवर्तन से संबंधित सामग्री
एनसीपीसीआर की टीम को लड़कियों के कमरे से बाइबिल, किताबें और ईसाई मिशनरी से संबंधित अन्य सामग्री भी मिली, और स्कूली शिक्षा से संबंधित कुछ भी नहीं था। इसके बाद एनसीपीसीआर ने इस पर रायसेन जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की सिफारिश की थी। कानूनगो ने कहा, मैंने जिला प्रशासन से इन लड़कियों को उनके घर ले जाने के लिए कहा है। यह अनैतिक है और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है। मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।