मध्यप्रदेश के लिए ये चुनावी साल है। इस के आखिर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिन्हें देखते हुए अब साधु संत भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। राज्य की शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने ऐसे पांच बाबाओं को इस साल अप्रैल में राज्यमंत्री का दर्जा दिया। अब प्रदेश के सियासी अखाड़े में अन्य साधु-संतों की भी एंट्री हो रही है।
अपने अनुयायियों में कम्प्यूटर बाबा के नाम से मशहूर स्वामी नामदेव त्यागी ने ‘बताया, ‘मैं चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं, मैं बीजेपी पर टिकट के लिए दबाव नहीं बनाऊंगा, अगर मुख्यमंत्री चौहान मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे, तो मैं तैयार हूं।’ उनके एक करीबी ने दावा किया कि वह इंदौर से चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा नदी के दोनों तटों पर पेड़-पौधे लगाने के कथित घोटाले का खुलासा करने और अवैध रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अप्रैल में ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का आह्वान किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने अप्रैल में 5 बाबाओं को राज्यमंत्री को दर्जा दिया था, जिनमें वह भी शामिल थे।
राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद उन्होंने यह कह कर रथ यात्रा रद्द कर दी थी कि राज्य सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की कमेटी गठित करने की उनकी मांग पूरी कर दी है। रामचरित मानस में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त 47 वर्षीय बाबा अवधेशपुरी प्रदेश के उज्जैन जिले से बीजेपी का टिकट चाहते हैं।
उज्जैन निवासी अवधेशपुरी ने दावा किया, ‘मेरा विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ परिवार से करीबी संबंध रहा है. मैंने बीजेपी के लिए तब से काम किया है, जब वह वेंटीलेटर पर थी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं टिकट के लिए बीजेपी पर दबाव नहीं बनाउंगा, मेरे अनुयायी चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं, ताकि उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला की साइट पर जो अतिक्रमण हुआ है, उसे हटाया जा सके. बीजेपी का टिकट न मिलने पर मैं निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’
संत मदन मोहन खड़ेश्वरी महाराज ने बताया कि वह सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी जीत तय है, बीजेपी टिकट नहीं देगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा। मैं पिछले 30 साल से इस क्षेत्र के लोगों के लिए काम कर रहा हूं’
रायसेन जिले के संत रविनाथ महीवाले ने भी विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया, ‘मैं नर्मदा को बचाने के लिए चुनाव लडूंगा। बीजेपी अगर टिकट नहीं देगी, तो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने को मैं तैयार हूं।’बाबा महेन्द्र प्रताप गिरी रायसेन की सिलवानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। प्रताप गिरी ने बताया, ‘मैं बीजेपी से टिकट मांगूगा, न मिलने पर निर्दलीय लड़ूंगा।’
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने इस साल अप्रैल में पांच हिन्दू बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, जिनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यूजी महाराज और पंडित योगेन्द्र महंत शामिल हैं। इनमें से भय्यूजी महाराज का हाल ही में निधन हो गया है।
बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने पर सरकार की तीखी आलोचना होने पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि उनकी सरकार विकास और लोगों के कल्याण के लिए समाज के हर तबके के लोगों को जुटा रही है।