चीन से फैले कोरोना वायरस के कहर ने जहां विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं भारत में भी इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। जिसके चलते भारत में इसके संक्रमण से बचाव के लिए कई विदेशी यात्राओं पर पाबंदी लगा दी गई। बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर केन्द्र के यात्रा परामर्श के मद्देनजर दुबई में एक 19 वर्षीय महिला को मुंबई की यात्रा के लिए वीजा नहीं मिल पाया जिस कारण वह वहीं फंस गई।
लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिला की मां द्वारा दायर की गई याचिका पर विचार करते हुए महिला को मुंबई की यात्रा के लिए वीजा देने के भारतीय आव्रजन ब्यूरो को निर्देश दिये है। न्यायमूर्ति एस जे काथावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला की एक खंडपीठ ने मंगलवार इस याचिका पर सुनवाई की।
याचिका में महिला की मां ने संबंधित अधिकारियों से मुंबई की यात्रा के लिए उसकी बेटी को वीजा दिये जाने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने महिला को वीजा दिये जाने के अधिकारियों को निर्देश दिये। पीठ ने उसकी कम उम्र और उन परिस्थितियों का जिक्र किया जिसमें वह दुबई में फंसी हुई है उसके साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं है।
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याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी बेटी 12 मार्च को अमेरिका में बोस्टन से विमान में सवार हुई थी। हालांकि उन्हें दुबई में एयरलाइंस प्राधिकरण ने इस आधार पर मुंबई के लिए उड़ान भरने से इनकार कर दिया था कि 13 मार्च की आधी रात हो गई है और भारत सरकार द्वारा 15 अप्रैल, 2020 तक सभी वीजा को समाप्त रखने के लिए जारी की गई यात्रा सलाह लागू हो गई है।
भारत सरकार ने 13 मार्च की मध्य रात्रि से 15 अप्रैल, 2020 तक सभी वीजा को स्थगित करने की 11 मार्च को घोषणा की थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की बेटी को गलत ढंग से रोका गया और दुबई से मुंबई के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने से इनकार किया गया।