हाथरस काण्ड के बाद सियासत भी तेज हो गई है। लखनऊ, दिल्ली से लेकर मुंबई तक का सियासी पारा गर्म हो चुका है। देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस पहले से योगी सरकार पर हमलावर है और अब इस मामले में शिवसेना भी कूद गई। दरअसल शिवसेना के विधायक का कहना है कि हाथरस काण्ड कि जांच मुंबई पुलिस को करनी चाहिए। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मांग की है कि हाथरस कांड की जांच मुंबई पुलिस से कराई जाए। इस जांच के लिए मुंबई में भी एक मामला सीआरपीसी 154 के तहत दर्ज किया जाए।
प्रताप सरनाईक ने कहा कि जिस तरह से यूपी पुलिस ने पीड़िता के शव को एक ही रात में बिना परिवार की मौजूदगी में जला दिया, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं, इसलिए महाराष्ट्र में भी एक केस दर्ज होना चाहिए और मुंबई पुलिस यूपी में जाकर इस मामले की तह तक जांच करे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत के मामले में बिहार पुलिस ने अपने राज्य में मामला दर्ज किया था। यह मामला भी उसी तरह से मुंबई में दर्ज किया जाना चाहिए। भविष्य में अगर यह मामला जांच के लिए सीबीआई को भी सौंपा जाए तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
बता दें कि इस मामले में कांग्रेस लगातार योगी सरकार पर सवाल उठा रही है और लगातार मांग कर रही है कि योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देना चाहिए। तो वहीं इस मामले में योगी आदित्यनाथ ने भी कठोर रुख अपनाना शुरू कर दिया है। सीएम योगी ने एसआइटी की रिपोर्ट पर मामले में लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी राम शबद, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीहर सिंह, हेड मुहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया। इस मामले में सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट के निर्देश दिये गये हैं।