महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक ऐसी वारदात घटी, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। देश की राजधानी दिल्ली में हुआ निर्भया मामले की याद एक बार फिर ताजा हो गई। दुष्कर्म मामले में हैवानियत की सारे हदें पार कर दी गई थी, इसके बाद विपक्षी दल ने सरकार पर तीखा हमला किया। फिलहाल इस मामले में मुंबई पुलिस ने साकीनाका में 32 वर्षीय महिला के साथ जघन्य दुष्कर्म और हत्या के तीन दिन बाद, पुलिस जांच में उन घटनाओं के क्रम का पता चला है, जो एक मौद्रिक विवाद से उत्पन्न हुई और अपराध में परिणत हुई।
पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को यह जानकारी दी। महा विकास अघाड़ी सरकार ने शनिवार को गंभीर रूप से घायल पीड़िता की तीन नाबालिग बेटियों के लिए 20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। नागराले ने विवरण प्रदान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बेरोजगार चालक 45 वर्षीय आरोपी मोहन चौहान ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा देखने को मिला है।
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आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते थे और कई बार मिले थे। पैसों को लेकर हुई बहस के बाद इस अपराध को अंजाम दिया गया। पुलिस ने उस वस्तु को बरामद कर लिया है, जिसके साथ आरोपी ने पीड़िता के साथ क्रूरता की थी और बाद में उसे छिपा दिया था।
दरअसल यह घटना 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड की याद दिलाती है, जिसमें पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसा दी गई थी। दुष्कर्म के बाद मुंबई के इस जघन्य दुष्कर्म में भी इसी तरह की हरकत की गई। नागराले ने कहा कि चूंकि पीड़िता अनुसूचित जाति से है, इसलिए पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप जोड़े हैं।