Muslim Marriage and Divorce Registration Act: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर मुस्लिम विवाह और तलाक कानून को रद्द करने की घोषणा की। साथ ही राज्य में हेमंत बिस्वा सरमा सरकार ने पुराने कानून की जगह नये कानून लाने की घोषणा भी कर दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "आज असम कैबिनेट की बैठक में हमने असम निरसन विधेयक 2024 के जरिए असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त करने का फैसला किया है।"
80% बाल विवाह अल्पसंख्यकों में हो रहे : हिमंत
असम सरकार द्वारा असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने के निर्णय पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, असम मुस्लिम विवाह अधिनियम के तहत बाल विवाह की अनुमति थी। हमने इसे खत्म कर दिया और अध्यादेश लाया। अब हम उस अध्यादेश को विधेयक बना देंगे।
उन्होंने कहा कि एक नया कानून आएगा जिसके तहत मुस्लिम विवाह का पंजीकरण 18 और 21 वर्ष की कानूनी आयु सीमा के भीतर सरकारी कार्यालय में होगा। उन्होंने कहा, अगर 80% बाल विवाह अल्पसंख्यकों में हो रहे हैं, तो 20% बहुसंख्यक समुदाय में भी हो रहे हैं। मैं बाल विवाह को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देख रहा हूं। हमारा प्रयास है कि लैंगिक न्याय हो और बाल विवाह कम हो। असम में बाल विवाह खत्म होने के कगार पर है।