लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कश्मीर मुद्दे पर विवादों में घिरीं महबूबा, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा-राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ है बयान

एमआरएम के तेलंगाना संयोजक एम ए सत्तार ने कहा, “महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनसे विशेष दर्जा छीन लिया गया और यह एक गलती है तथा अवैध एवं असंवैधानिक कृत्य है।”

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अपने एक बयान को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। महबूबा के इस बयान की मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की तेलंगाना इकाई ने आलोचना करते हुए कहा कि पीडीपी प्रमुख का यह बयान ‘राष्ट्रीय अखंडता’ एवं ‘एकता’ के विरूद्ध है।
एमआरएम के तेलंगाना संयोजक एम ए सत्तार ने कहा, ‘‘उन्होंने (महबूबा मुफ्ती ने) कहा कि उनसे विशेष दर्जा छीन लिया गया और यह एक गलती है तथा अवैध एवं असंवैधानिक कृत्य है। जम्मू कश्मीर में तबतक शांति नहीं आएगी जबतक अनुच्छेद 370 बहाल नहीं कर दिया जाता। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान में पाकिस्तान को भी शामिल करने का मुद्दा उठाया है। ’’

महबूबा के बयान पर बोले फारूक अब्दुल्ला- हम PM मोदी से PAK की नहीं अपने वतन की बात करेंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एमआरएम ने एक विज्ञप्ति में दावा किया कि नेशनल काफ्रेंस, माकपा जैसे गुपकार गठबंधन के अन्य घटक दलों एवं कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 पर महबूबा की राय का समर्थन किया। उसने कहा, ‘‘एमआरएम का मत है कि इन दलों के नेताओं का बयान राष्ट्रीय अखंडता एवं एकता के विरूद्ध है।’’ 
अनुच्छेद 370 एवं 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को ‘अस्थायी’ करार देते हुए एमआरएम ने कहा कि मोदी सरकार ने इस विभाजनकारी एवं अस्थायी प्रावधान को निष्प्रभावी बनाकर सही कदम उठाया है। एमआरएम ने केंद्र से किसी भी राजनीतिक दलों के ऐसे सुझावों एवं मांगों पर कतई विचार नहीं करने की अपील की। 
उसने दावा किया कि उसने अनुच्छेद 370 एवं 35 ए के विरूद्ध हस्ताक्षर अभियान चलाया था एवं कश्मीर के 70000 से अधिक हस्ताक्षर समेत मुसलमानों के साढ़े आठ लाख से अधिक हस्ताक्षर जुटाए थे एवं इन अनुच्छेदों के निरसन की मांग करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन सौंपा था।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ बैठक का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर पड़ोसी मुल्क की वकालत करते हुए पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि “अगर मोदी सरकार दोहा जा सकती हैं और तालिबान से बात कर सकते हैं, तो उन्हें हमारे साथ और पाकिस्तान के साथ भी एक प्रस्ताव लाने के लिए बातचीत करनी चाहिए। कश्मीर का मसला हल होना बेहद जरूरी है इससे राज्य में अमन और शांति बहाल होगी और आम कश्मीरी बेहतर जिंदगी जीएगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − eight =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।