अदालत ने सीबीआई को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। पोक्सो की एक विशेष अदालत ने एक आरोपी अश्विनी की ओर से दायर आवेदन पर शुक्रवार को यह आदेश दिया। अश्विनी पेशे से एक चिकित्सक है, जो कथित तौर पर यौन दुर्व्यवहार किए जाने से पहले बच्चियों को नशीली दवाएं देता था।
अश्विनी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीआई जांच में उन तथ्यों को छुपाने की कोशिश कर रही है, जो मुजफ्फरपुर के पूर्व डीएम धर्मेन्द्र सिंह, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अतुल कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर के पूर्व डिवीजनल आयुक्त और मौजूदा प्रधान सचिव, समाज कल्याण विभाग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिकाओं की जांच करने के बाद सामने आ सकते हैं।
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पोक्सो अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार ने सीबीआई को उक्त लोगों के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इस बहुचर्चित मामले में मुकदमा सात फरवरी को दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पोक्सो अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां सुनवाई अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है।