महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के लिए आंकड़ों का संग्रह करने के लिए गठित समिति की अगले महीने रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। यह रेखांकित करते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश को ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय चुनाव कराने की बुधवार को इजाजत दे दी है, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने भी यह देखने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं कि क्या ऐसे फैसले महाराष्ट्र में भी लागू हो सकते हैं या नहीं।
महाराष्ट्र सरकार को MP ओबीसी आयोग की रिपोर्ट का करना चाहिए अध्यन
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य सरकार को मध्य प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि इसी के आधार पर वहां ओबीसी आरक्षण के संग स्थानीय चुनाव कराने की अनुमति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह उनके राज्य के लिए एक ‘मार्गदर्शक’ का काम करे।
OBC को प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए कोशिश करती रहेगी MVA सरकार
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आखिरी क्षण तक कोशिश करेगी। पवार ने कहा कि ओबीसी के व्यवहारिक आंकड़े जमा करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव जयंत बंथिया के नेतृत्व में गठित समिति काम कर रही है और यह समिति जून में जब अपनी रिपोर्ट देगी, तो उसके बाद सरकार अदालत में अपना पक्ष रखेगी।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए कुल आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को पार नहीं करने देगी। पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मध्य प्रदेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमा आंकड़ों का अध्ययन किया है।