नगालैंड विधानसभा ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) के चुनाव नहीं कराने का संकल्प लिया। यह चुनाव दो दशकों के बाद 16 मई को होने वाले थे।
विधानसभा ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे संसदीय कार्य मंत्री के जी केन्ये ने पेश किया।
कई नगा आदिवासी निकायों और नागरिक समाज संगठनों ने नगालैंड नगर निगम अधिनियम-2001 के तहत यूएलबी चुनाव कराने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद-371 (ए) द्वारा गारंटीकृत नगालैंड के विशेष अधिकारों का उल्लंघन करता है।
यूएलबी चुनाव कराने के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य कर दिया था।
विधानसभा ने मंगलवार को कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया।