सेना ने नागालैंड के मोन जिले में उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान कई आम लोगों की मौत होने के मामले की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का रविवार को आदेश दिया। कोहिमा में पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में आम लोगों की मौत हो गई और वह यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि क्या यह गलत पहचान किए जाने से जुड़ी घटना है।
गोलीबारी की इस घटना में मरे गए लोगों के आंकड़ों में वृद्धि हुई है, अब यह संख्या बढ़ कर एक जवान समेत 14 हो गयी है। कथित तौर पर घटनास्थल पर 6 लोगों की मौत के बाद ग्रामीण सुरक्षाबलों से भिड़ गए थे। इसी पर सुरक्षाबलों की जवाबी कार्यवाही में अधिक लोग मारे गए।
असम राइफल्स ने घटना को बताया अत्यंत खेदजनक
असम राइफल्स ने बताया कि म्यांमा की सीमा से लगने वाले मोन जिले में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया गया था। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘यह घटना और इसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है। लोगों की मौत की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी अभियान में गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक जवान की मौत हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है।
जानिए पूरा घटनाक्रम
बता दें कि पूरी घटना में मारे गए लोग एक पिकअप मिनी ट्रक से कहीं से आ रहे थे। जब वे लोग समय से नहीं पहुंचे तो गांव के वॉलंटियर्स उन्हें खोजने निकल पड़े, जहां उन्हें ग्रमीणों के शव मिले इसके बाद वहां हड़कंप मच गया। गुस्साए ग्रमीणों ने सुरक्षाबल का घेराव किया उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया और जवाबी कार्रवाई के परिणामस्वरूप लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।