उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को पणजी के निकट पोरवोरिम में होटल प्रबंधन संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का दौर खत्म होने के बाद देश के पर्यटन क्षेत्र को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा क्योंकि अधिकतर भारतीय देश में ही यात्रा करना पसंद करेंगे ।
उन्होंने कहा कि देश में दो करोड़ 60 लाख ऐसे पर्यटक हैं जो विदेश जाते हैं। नायडू ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि कोविड-19 महामारी के खत्म होने के तुरंत बाद के काल में उनमें से अधिकतर देश में ही यात्रा करना पसंद करेंगे। इससे पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में विशाल अवसर पैदा होंगे।” उन्होंने कहा कि भारत में 200 से अधिक समुद्रतट हैं, यूनेस्को के 38 विश्व विरासत स्थल हैं, 668 सुरक्षित इलाके हैं जहां महत्वपवूर्ण पर्यटन गतिविधयां हो सकती हैं।
नायडू ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निश्चित तौर पर वैश्विक पर्यटन को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कहा, ”बहरहाल, मैं आश्वस्त हूं कि महामारी के कारण इस क्षेत्र में जो कमी आयी है वह अस्थायी है और पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग एक बार फिर से पुराने स्तर पर लौटेगा।” नायडू ने कहा कि महामारी के कारण लोग लंबे समय से अपने घरों में बंद हैं और स्थिति सामान्य होने के बाद वे निश्चित तौर पर यात्रा करने के लिये उत्सुक होंगे।
उन्होंने कहा कि देश के उद्योग जगत को वापस पटरी पर लाने में निश्चित रूप से यह मददगार साबित होगा और होटल प्रबंध संस्थानों समेत सभी हितधारकों की पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के पुनरुद्धार में भूमिका होगी। उपराष्ट्रपति ने कहा, ”देश में एक मजबूत घरेलू पर्यटन बाजार है, जो निश्चित तौर पर उन देशों की तुलना में इस महामारी के प्रभाव को कम करने में मददगार होगा जो मुख्य रूप से केवल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों पर निर्भर हैं। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सरकार पूरा ध्यान दे रही है ।”
नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार बार देश में ही यात्रा करने और इसे जानने की अपील लोगों से की है। उन्होंने कहा, ” प्रधानमंत्री ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस समारोह के अपने संबोधन में उन्होंने देश के लोगों से 2022 तक देश में कम से कम 15 स्थानों पर घूमने की सलाह दी थी।” नायडू ने कहा कि देश में पर्यटन क्षेत्र को फिर से शुरू किया जा रहा है और ऐसे में पर्यटकों के बीच विश्वास बहाली महत्वपूर्ण है।