रविवार को कांग्रेस महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुलढाणा पुलिस पर विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की। पटोले ने यह भी मांग की कि शनिवार को हुई लाठीचार्ज की घटना की राज्य विधानमंडल की संयुक्त समिति द्वारा जांच करायी जाए। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसान राज्य की ‘किसान-विरोधी’ एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार को सबक सिखायेगी।
क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे
उन्होंने आरोप लगाया कि शनिवार को जब किसान कपास और सोयाबीन के लिए उचित दाम और फसल बीमा से वंचित रहे गये लोगों के लिए क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उनपर ‘नृशंसता से लाठीचार्ज’ किया।उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की जिला इकाई के अध्यक्ष राहुल भोंडरे और पूर्व मंत्री राजेंद्र शिंघाने प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे थे, तब उन्हें पुलिस ने रोक दिया।
लाठीचार्ज करने की जरूरत क्या थी?
पटोले ने कहा, ‘‘क्या अपनी मांग के लिए प्रदर्शन करना एक लोकतांत्रिक राज्य में अपराध है? लाठीचार्ज करने की जरूरत क्या थी? हम शिंदे-फडणवीस सरकार की इस धौंस को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरे मामले की जांच करायी जानी चाहिए तथा दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
किसानों पर निर्ममतापूर्वक हमला किया
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने न्याय और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे किसानों पर निर्ममतापूर्वक हमला किया।’’ पटोले ने बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करने तथा पूरे मामले की विधानमंडल की संयुक्त समिति द्वारा जांच कराने की मांग की।