मध्य प्रदेश में बीते साढ़े चार सालों में महिला अपराध के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह बताते हैं की वर्ष 2017 से जून 2021 तक की अवधि में कुल 2663 महिलाओं की हत्या हुई है। कोई भी साल ऐसा नहीं है, जब 500 से ज्यादा महिलाओं की हत्या न हुई हो। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि वर्ष 2017 में 549, वर्ष 2018 में 583, वर्ष 2019 में 577, वर्ष 2020 में 633 और 1 जनवरी 2021 से 30 जून 21 तक 321 महिलाओं की हत्याएं हुई हैं।
इसी तरह मिश्रा ने बताया है कि जनवरी 2017 से 30 जून 2021 की अवधि के दौरान 27,827 नाबालिगों के अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं, यह आंकड़े बताते हैं कि हर साल छह हजार से ज्यादा नाबालिगों के अपहरण हुए, वही वाली महिलाओं के अपहरण के 854 प्रकरण दर्ज किए गए। इसके अलावा इसी साढ़े चार साल की अवधि में 26,708 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह हर साल लगभग छह हजार दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं।
राज्य में साढ़े चार साल में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के 37 मामले सामने आए हैं। महिलाओं पर हुए अत्याचार के मामले में कुल 16038 लोगों को आरोपी बनाया गया, इनमें से 1353 आरोपी ऐसे हैं जिनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ज्ञात हो कि महिला अत्याचार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा फांसी की सजा तक के प्रावधान किए गए हैं।
वहीं सामूहिक तौर गिरोह बनाकर वारदात करने वालों पर नकेल कसने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में सरकार संगठित अपराधों को रोकने के लिए गैंगस्टर एक्ट ‘मध्य प्रदेश गैंगस्टर विरोधी विधेयक’ लाने जा रही है। राज्य के गृहमंत्री की मानें तो नए कानून के दायरे में संगठित अपराध की श्रेणी में आने वाले शराब, खनिज, वन और भूमाफिया आदि के साथ-साथ उनके सहयोगी भी आएंगे।
गैंगस्टर एक्ट में 2 से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान तथा 25 हजार रुपये तक का जुर्माना होगा। वहीं लोकसेवक पर हमला करने पर सजा 5 से लेकर 10 साल और जुर्माना 30 हजार होगा। गैंगस्टर एक्ट के मामलों की सुनवाई विशेष कोर्ट में होगी।