अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं, दरअसल 14 दिन जेल में बिताने के बाद हालही में राणा दंपत्ति को सेशंस कोर्ट ने सशर्त जमानत पर रिहा किया था। जिसमें सेशंस कोर्ट की तरफ से यह साफ निर्देश थे की जेल से बाहर आने के बाद राणा दंपत्ति हनुमान चालीसा विवाद पर मीडिया या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि पर किसी भी तरह की कोई सामग्री सांझा नहीं करेंगे। इसके बावजूद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद नवनीत राणा ने इस मामले पर मिडिया से बातचीत की। कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के लिए राणा दंपत्ति की जमानत खारिज भी हो सकती है।
क्या खारिज हो जाएगी राणा दंपत्ति की जमानत?
बता दें कि राणा दंपत्ति को खार पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था और 4 मई को दोनों नेताओं को जमानत दे दी गई थी। बैल आर्डर मिलने के बाद दोनों को जेल से रिहा किया गया और नवनीत राणा खराब स्वास्थ्य के चलते लीलावती अस्पताल में भर्ती हुईं, जहां 3 दिन तक उनका इलाज चला। इसके बाद रविवार यानी आज उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। जहां नवनीत राणा ने मिडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए आमने-सामने चुनाव लड़ने की बात कही। और अपनी लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया।
सेशंस कोर्ट ने इन शर्तों पर दी थी जमानत
बता दें कि राणा दंपत्ति को 50 हजार रूपए प्रति व्यक्ति का सिक्योरिटी बॉन्ड के अलावा उन्हें इस तरह के मामलों में दोबारा ना फंसने की नसीहत दी थी साथ ही कोर्ट ने उन्हें सबूतों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करने और इस मामले पर किसी भी तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने की सख्त हिदायत दी थी। बताते चलें की कोर्ट की इनमे से किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर दोनों नेताओं की जमानत को रद्द किया जा सकता है। तो अब देखना यह है कि क्या महाराष्ट्र सरकार कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन करने के मामले में नवनीत और रवि राणा पर कार्रवाई करेगी या नहीं।