छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सली समस्या एक सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक समस्या है और इससे इसी तरह से ही निपटा जाएगा। बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछली सरकार ने बंदूकों के माध्यम से नक्सल समस्या को हल करने की कोशिश की थी, जो उचित तरीका नहीं है। यह एक सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक समस्या है और इससे इसी तरह से निपटा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार उन लोगों और जनजातियों के साथ बातचीत करेगी जो इस समस्या के कारण सबसे अधिक प्रभावित हैं। जो माओवादियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच लड़ाई में पीड़ित हैं। सबसे पहले इन लोगों से बात करनी होगी और उन्हें विश्वास में लेना होगा और इसके अनुसार इस समस्या से निपटने के लिए नीति तैयार की जाएगी।
भूपेश बघेल ने सोमवार को शपथ लेने के बाद अपने मंत्रिमंडल के साथी टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के साथ बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से किए गए वादों को पूरा करते हुए कर्ज माफ करने का फैसला लिया। बघेल ने बताया कि सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने और उन्हें धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रूपए देने का फैसला किया है तथा झीरम घाटी हमले की जांच एसआईटी से करवाने का फैसला किया गया है।
भूपेश बघेल ने बताया कि 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है। इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायदा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों के कर्ज को माफ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अल्पकालिक कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन तथा सशक्तिकरण में मददगार होगी।
बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के वायदे के मुताबिक, सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1750 रूपए घोषित किया गया है। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
इस तरह 25 सौ रूपए में 1750 रूपए घटाने पर 750 रूपए का अतिरिक्त व्यय भार आता है। प्रति क्विंटल तीन सौ रूपए बोनस की राशि समाहित करने के बाद भी 450 रूपए की राशि बचती है। इस तरह केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1750 रूपए के अतिरिक्त 750 रूपए प्रति क्विंटल का दायित्व स्वीकार करते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान खरीदी के लिए 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर प्रदान की जाएगी।
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि झीरम घाटी घटना की एसआईटी से जांच कराई जाएगी। 25 मई वर्ष 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।
कांग्रेस के वादे के अनुसार राज्य में शराब बंदी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बघेल ने कहा कि वह राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लेकर प्रतिबद्ध हैं। लेकिन पहले उन्हें विभिन्न समुदायों के लोगों से राय लेनी होगी और अन्य राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों का अध्ययन करना होगा।
इस दौरान राज्य के नए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि पिछली (बीजेपी) सरकार द्वारा पत्रकारों के साथ किए गए व्यवहार को उनकी सरकार में दोहराया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया शासन को आईना दिखाने का काम करता है। मीडिया जिन समस्याओं की ओर इशारा करेगी उन समस्याओं का संवदेनशील तरीके से निराकरण करने की कोशिश की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी और कहा कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। अधिकारियों को जनता के हित में जो दायित्व मिला है उन दायित्वों को वह प्राथमिकता दें। सोमवार को भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।