किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने दावा किया था कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को पाकिस्तान, चीन और माओवादियों का समर्थन हासिल है। केंद्रीय मंत्रियों के इन दावों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण मांगा है।
राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बजाए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे और पीयूष गोयल ने ‘‘आंदोलन को बदनाम करने के लिए विवादास्पद बयान’’ दिए हैं। तापसे ने एक बयान में कहा, ‘‘दानवे ने कहा कि प्रदर्शन को पाकिस्तान और चीन से समर्थन मिल रहा है, वहीं गोयल ने आरोप लगाए कि माओवादी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ये दावे सच हैं।’’ उन्होंने कहा कि कृषक मांग कर रहे हैं कि नये कृषि कानूनों को वापस लिया जाए लेकिन सरकार कठोर बनी हुई है। गोयल ने शनिवार को कहा था कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रहा क्योंकि इसमें ‘‘वामपंथी और माओवादी तत्व घुस आए हैं’’ जो ‘‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में’’ जेल में बंद लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि यह स्पष्ट रूप से सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों को पटरी से उतारने का प्रयास है। दानवे ने कुछ दिनों पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि कृषकों के आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ है, जिसका विभिन्न वर्गों ने कड़ा प्रतिवाद किया था।