पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को वाॅकओवर मिला हुआ है क्योंकि एनडीए और यूपीए (महागठबंधन) के वोट में 20 प्रतिशत से ज्यादा का फासला है। इसबार महागठबंधन का बिहार में खाता भी नहीं खुल पाएगा। 2009 में जदयू और 2014 में एलजेपी के साथ चुनाव लड़ने वाले एनडीए को बिहार में यूपीए से करीब 11 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे। इस बार जदयू और एलजेपी के साथ आने से यह अन्तर 20 प्रतिशत से ज्यादा का है।
2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जदयू के साथ चुनाव लड़ी थी तो 38 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे और 32 सीटों पर जीत मिली थी। तब राजद-लोजपा साथ थे और उन्हें 26 प्रतिशत मत और मात्र 4 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए को यूपीए से 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़त थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा-लोजपा साथ चुनाव लड़ी थी और एनडीए का वोट प्रतिशत 39.41 था तथा 31 सीटों पर जीत मिली थी जबकि यूपीए को मात्र 29 प्रतिशत वोट मिला था जो एनडीए से 10 प्रतिशत कम था। 2014 में अलग से चुनाव लड़े जदयू को 16 प्रतिशत वोट मिला था जो आज एनडीए के साथ है।
श्री मोदी ने कहा कि एनडीए के 2014 के 39.41 प्रतिशत वोट में जदयू के 16 प्रतिशत को जोड़ लें तो 2019 में एनडीए के पास 52.41 प्रतिशत वोट है जो यूपीए से करीब 22 प्रतिशत अधिक है। जब एक-दो प्रतिशत वोट के अन्तर से हार-जीत का फासला बढ़ जाता है तो इतनी बड़ी बढ़त के बाद क्या यूपीए बिहार में अपना खाता भी खोल पायेगा?