बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रमुख नित्यानंद राय का दावा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राज्य की सभी 40 सीटों पर अपनी जीत दर्ज करेगा। उजियारपुर से लोकसभा सदस्य राय ने कहा, 'भाजपा ने सभी 40 सीटों पर राजग की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगी दलों के साथ रणनीति बनाई है।
बिहार में विपक्ष की स्थिति हर रोज कमजोर पड़ती जा रही है, क्योंकि विपक्ष का मुख्य चेहरा लालू यादव जेल में हैं और उनके बेटे परिवार के झगड़े में फंसे हुए हैं।' उन्होंने कहा, 'राजग को लोकसभा चुनाव 2014 में 31 सीटें मिली थीं, जबकि उस समय जदयू (जनता दल- युनाइटेड) भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में था। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू अब फिर से राजग में शामिल हैं। इसलिए विपक्ष में कोई जान नहीं है और उसे खाली हाथ रहना पड़ेगा।'
भाजपा को 2014 में 29.40 फीसदी वोट के साथ 22 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने 2016 में प्रदेश प्रमुख मंगल पांडेय की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता नित्यानंद राय को प्रदेश में पार्टी की कमान सौंपी। बिहार में राजनीति मुख्य रूप से जाति आधारित समीकरण से चलती है, लेकिन राय को राज्य में उच्च जाति का भी मजबूत समर्थन मिल रहा है। भाजपा हालांकि कहा कहती है कि वह जाति की राजनीति नहीं करती।
भाजपा के प्रमुख नेता भी मानते हैं कि राय ने कड़ी मेहनत और पक्के इरादे के साथ प्रदेश के शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों के बाहर ब्लॉक और तहसील स्तर पर भी पार्टी का मजबूत आधार बनाया है। बता दें कि नित्यानंद राय हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा की छात्र इकाई से राजनीति शुरू की थी और वह बचपन से ही उत्तर बिहार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के ध्वजवाहक रहे हैं।
नित्यानंद राय ने कहा, 'बिहार में विपक्ष अपना संख्या बल बढ़ाने का दिवास्वप्न देख रहा है। मैं एक भी लोकसभा सीट को छोड़ने नहीं जा रहा हूं। सबसे अहम बात यह है कि लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व में काफी विश्वास है।' उन्होंने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति हाल के दिनों में खराब हुई है। वह मानते हैं कि राज्य में अपराध नहीं के बराबर है, पूरी तरह सुशासन है। राय को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का मजबूत समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार ने अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और इसमें कोई संदेह नहीं कि यह बात हर किसी के मन में है। अपराधियों के साथ सीधी भिड़ंत होती रही है, क्योंकि सरकार के पास असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति है।'