कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने आज कहा कि वे कभी भी पद या सत्ता के लिए लालायित नहीं रहे और हमेशा की तरह पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में राज्य के लोगों के लिए कार्य करते रहेंगे। सिंह ने यहां अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि वे अभी से पार्टी के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को शुभकामनाएं देते हैं और अपनी तरफ से हर तरह के समर्थन का वादा करते हैं। श्री सिंह ने कहा कि उन्हें यह कहने में भी गर्व महसूस हो रहा है कि उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता रहते अपने तरीके से राज्य को विघटनकारी ताकतों से मुक्त करने में अपना छोटा सा योगदान दिया है।
सिंह अपने परंपरागत चुरहट विधानसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए हैं। चुरहट से वे या उनके पिता दिवंगत वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह चार दशक से अधिक समय से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस नतीजे का काफी अप्रत्याशित माना जा रहा है। खासतौर से उस समय जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बन रही है। सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय से पूरे राज्य में जो उत्साह और खुशी पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता में है, उसके सामने उनकी व्यक्तिगत पराजय बहुत छोटी है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने लगातार 15 वर्षों तक संपूर्ण निष्ठा के साथ भाजपा सरकार में कुशासन, भ्रष्टाचार और अनाचार के खिलाफ सदन और सड़क पर जो संघर्ष किया, उससे राज्य में कांग्रेस मजबूत हुयी है। भाजपा के पंद्रह वर्षों के शासनकाल में जो माहौल निर्मित हुआ, उसके खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी लगातार संघर्ष किया। इसी सबका नतीजा है कि आज राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
सिंह ने कहा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव का भी राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि यह संयोग ही है जब 1993 में उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ था और कांग्रेस की सरकार बनी थी।
इसी तरह वर्तमान में यादव ने निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी में चुनाव लड़ और अब फिर कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। इस बीच श्री अजय सिंह से आज उनके निवास पर मिलने पहुंचे बुरहानुपर विधायक सुरेंद्र सिंह, चित्रकूट से नीलांशु चतुर्वेदी, गाडरवारा से सुनीता पटेल और छतरपुर से आलोक चतुर्वेदी आदि ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वे श्री सिंह के लिए अपनी सीट से त्यागपत्र देने के लिए राजी है। श्री सिंह को उपचुनाव लड़ना चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी शाम को श्री सिंह से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। श्री सिंह और श्री दिग्विजय सिंह के बीच आधा घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुयी।