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शिवसेना ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा- नए आईटी नियम की मंशा निजता के मूल अधिकार का हनन करना

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नए आईटी नियमों ने जवाबदेही मांगने के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए व्यक्तियों के सभी गोपनीयता मानदंडों को दरकिनार कर दिया है।

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नए आईटी नियमों ने जवाबदेही मांगने के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए व्यक्तियों के सभी गोपनीयता मानदंडों को दरकिनार कर दिया है, जो नागरिकों के लिए भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धताओं में शामिल निजता के मूल अधिकार का हनन है।
प्रियंका ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालतें इस मुद्दे पर ‘बारीक और संतुलित निर्णय’ लेंगी। राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, हर देश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जवाबदेही तय करने के लिए अपना कानून तंत्र बनाने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में हमने देखा है कि कैसे ये प्लेटफॉर्म अधिकारियों के प्रति जवाबदेह हुए बिना प्रचार, फर्जी खबरों और हेरफेर के लिए उपकरण बन गए हैं।
प्रियंका ने कहा, ये मंच यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे क्षेत्रों द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करते हैं। अमेरिका ने चुनाव परिणामों में उनकी भूमिका को समझने के लिए सार्वजनिक रूप से प्रसारित पूछताछ में मार्क जुकरबर्ग को भी बुलाया था। व्हाट्सएप भारत को एक बाजार के रूप में देखते हुए मुनाफाखोरी के लिए भारतीय नागरिकों के सभी गोपनीयता मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है।
शिवसेना नेत्री ने कहा, हालांकि, नए आईटी नियमों ने जवाबदेही मांगने के बजाय इन प्लेटफार्मो को नियंत्रित करने के लिए व्यक्तियों के सभी गोपनीयता मानदंडों को दरकिनार कर दिया है, अपने नागरिकों के लिए भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धताओं में निहित गोपनीयता के मूल अधिकार का हनन किया है। उम्मीद है कि इस मुद्दे पर अदालतें एक सूक्ष्म और संतुलित फैसला लेंगी।
उनकी टिप्पणी फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप द्वारा बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर करने के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि उपयोगकर्ता की गोपनीयता उसके डीएनए में है और चैट को ‘ट्रेस’ करने के लिए मैसेजिंग एप की जरूरत लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो को 25 मई तक सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 का पालन करने या सख्त कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा था।
टूलकिट विवाद को लेकर इस सप्ताह की शुरुआत में महामारी के दौरान ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति में पुलिस ने ट्विटर कार्यालयों पर छापा मारा। व्हाट्सएप अब अदालत में चला गया है, क्योंकि भारत में बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए आईटी (मध्यस्थ) नियमों का पालन करने की समय-सीमा मंगलवार को खत्म हो गई है।
व्हाट्सएप ने कहा कि नए नियम यूजर की निजता का हनन करते हैं। व्हाट्सएप ने 15 मई से अपनी विवादास्पद उपयोगकर्ता गोपनीयता नीति को लागू करने के साथ आगे बढ़ते हुए कहा है कि हम कम से कम आगामी पीडीपी (व्यक्तिगत डेटा संरक्षण) कानून लागू होने तक इस दृष्टिकोण को बनाए रखेंगे।

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