राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्रप्रदेश के प्रधान मुख्य वन सरंक्षक को कुरनूल जिले में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के दौरान रिलायंस जियो द्वारा पेड़ों की कथित कटाई पर की गयी कार्रवाई के बारे में एक महीने में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उसके निर्देश के बावजूद संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) ने कार्रवाई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। डीएफओ ने एनजीटी से कहा था कि कानूगा, सीमातांगेदू, पेल्टफ्यूरम और नीम जैसी कई प्रजातियों के पेड़ बिना इजाजत के काट दिये गये।
अधिकरण ने डीएफओ से कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन डीएफओ ने 15 जुलाई को एक पत्र देकर और वक्त मांगा। पीठ ने कहा, ‘‘ उक्त पत्र के मद्देनजर जिस मामले पर 15 अप्रैल को गौर किया जाना था, उसके लिए पहले 24 मई, फिर, 17 जुलाई, फिर 28 अगस्त, फिर 18 अक्टूबर की तारीख रखी गयी लेकिन अबतक कोई रिपोर्ट नहीं मिली।’’
पीठ ने कहा, ‘‘आंध्रप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनिश्चित करें कि यह रिपोर्ट आज से एक महीने के अंदर जमा कर दी जाए अन्यथा इस अधिकरण के पास दंडात्मक कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’’ यह आदेश आंध्रप्रदेश के निवासी सी. जर्नादन रेड्डी के पत्र पर आया है जिसने आरोप लगाया कि नान्नूर से वेलदुर्थी गांव तक भूमिगत फाइबर ऑप्टिक बिछाने के दौरान रिलायंस जियो ने पेड़ उखाड़ दिये।