केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील गुरुवार को सोने की तस्करी के मामले की जांच कर रही एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम के समक्ष पेश हुए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जलील के खिलाफ विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के एक मामले की जांच कर रहा है। जलील पर राजनयिक माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात से कुरान की प्रतियां प्राप्त करने में एफसीआरए के उल्लंघन के आरोप हैं।
जलील को सुबह करीब छह बजे एक निजी कार में एनआईए के कार्यालय पहुंचते देखा गया। एनआईए या मंत्री के कार्यालय से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार चार घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। रिपोर्ट्स से ये भी पता चला है कि ईडी और डीआरआई की हाई लेवल टीमें शहर में भी तैनात कर दी गई हैं। बता दें कि पिछले कई दिनों से मंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही है और इसके लिए कई विरोध प्रदर्शन भी हुए जिनमें विपक्ष के कुछ कार्यकर्ता घायल भी हो गए।
संसद में भी बुधवार को ये मुद्दा उठाया गया और इन्हीं सब के बीच ही ईडी ने केरल के शिक्षा मंत्री को समन किया था। जलील पिछले सप्ताह भी ईडी के समक्ष पेश हुए थे और उनक बयान दर्ज किया गया था। शिक्षा मंत्री की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब सोने की तस्करी के मामले के मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के फोन कॉल रिकॉर्ड मीडिया में लीक हो गए और उनका फोन नंबर सुरेश की कॉल लिस्ट में प्रमुखता से दिखाई दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि उन्होंने सुरेश को यूएई वाणिज्य दूतावास द्वारा प्रस्तुत रमजान किट के संबंध में एक कॉन्सुलर कर्मचारी के रूप में कॉल किया था।
उनके इस बयान ने उन्हें और परेशानी में डाल दिया क्योंकि उन्हें विदेश मंत्रालय की सहमति के बिना कोई भी फंड स्वीकार नहीं करना चाहिए विशेषज्ञों ने कहा कि यह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन था। ईडी द्वारा मंत्री से पूछताछ की खबरें आने के बाद उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था, ”सच की जीत होगी। सिर्फ सच। चाहे भले ही पूरी दुनिया इसका विरोध करे, इसके अलावा कुछ नहीं होगा।”