केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड में चार धाम सड़क परियोजनामें टिहरी जिले के चम्बा में 440 मीटर लम्बी सुरंग का उद्घाटन करते हुए सीमा सड़क संगठन-बीआरओ को मंगलवार को बधाई दी और कहा कि उसने यह काम निर्धारित समय से पहले पूरा किया है। उन्होंने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया।
बीआरओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 94 पर ऋषिकेश-धारसू रोड पर चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग तैयार की है, जिसकी मदद से सभी मौसम में चारधाम – गंगोत्री, केदारनाथ, यमुनोत्री और बद्रीनाथ – तक पहुंचा जा सकता है। सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, ‘‘मैं इस वैश्विक महामारी के बीच राष्ट्र निर्माण में अपने असाधारण योगदान के लिए पूरी बीआरओ टीम को बधाई देता हूं… केदारनाथ में तबाही आने के बाद से ही हम चारधाम के लिए सभी मौसम में संपर्क स्थापित करने को लेकर प्रतिबद्ध थे और इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’’
उन्होंने कहा कि इस सुरंग से यातायात की गति को सुचारू बनाने, भीड़भाड़ कम करने और चंबा शहर तक पहुंच को बेहतर करने के साथ ही चारधाम यात्रा के लिए आवाजाही को आसान बनाने और आर्थिक समृद्धि लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चंबा सुरंग के निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि से तीन महीने पहले ही अक्टूबर 2020 में सुरंग से यातायात शुरू हो जाएगा।
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बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि बीआरओ ने सुरंग के उत्तरी छोर पर काम जनवरी 2019 में शुरू किया, लेकिन सुरक्षा चिंताओं और क्षतिपूर्ति मुद्दों के कारण दक्षिण छोर पर अक्टूबर 2019 के बाद ही काम शुरू हो सका। उन्होंने कहा कि देरी की भरपाई आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और दिन-रात काम करके की गई। परियोजना के इस हिस्से के तहत 86 करोड़ रुपये की लागत से 4.2 किलोमीटर का संपर्क मार्ग और 440 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई।
बीआरओ लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना के तहत गंगोत्री और बद्रीनाथ के पवित्र मंदिरों की ओर जाने वाले 250 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रहा है। बीआरओ को लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत वाले 251 किलोमीटर लंबे खंड सौंपे गए हैं, जिनमें 28 किमी से 99 किलोमीटर तक की लंबाई वाले ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच-94), 110 किलोमीटर की लंबाई वाले धरासू-गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108) और 42 किलोमीटर की लंबाई वाले जोशीमठ से माना राजमार्ग (एचएच-58) पर 17 परियोजनाएं शामिल हैं।