पटना : मुख्यमंत्र नीतीश कुमार ने राजेन्द्र नगर अस्पताल में आज 106 शैय्या के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल एवं लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल राजवंशी नगर पटना में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया। इस अवसर पर शाखा मैदान राजेंद्र नगर में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद उसे संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि राजेन्द्र नगर अस्पताल में 106 शैय्या के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल एवं लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल राजवंशी नगर पटना में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया गया है।
वर्ष 2005 में सत्ता संभालने के बाद राजेंद्र अस्पताल को आई हॉस्पीटल में विकसित करने का निर्णय लिया गया था इसके लिए एम्स के डॉ0 राज्यवर्द्धन आजाद से भी संपर्क किया गया था। नेत्र चिकित्सा के बेहतर इंतजाम के लिए आज इस काम को शुरु किया गया है। यहां पहले से चल रहे ओ0पी0डी0 में मरीजों का इलाज होता रहेगा और जरुरत के अनुसार डॉक्टरों, नर्सों के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाएगा। यह अस्पताल बेहतर ढंग से बनेगा और लोग यहां नेत्र संबंधी बीमारियों का बेहतर तरीके से इलाज करा सकेंगे। आज ही राजवंशी नगर के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में ट्रामा सेंटर का भी शिलान्यास हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत पहले काफी खराब थी। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गरीब आदमी का यहां सबसे अधिक खर्च इलाज पर होता है। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों का फरवरी 2006 में सर्वे कराया गया तो पता चला कि एक माह में औसतन 39 मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए हमलोगों ने डॉक्टर, पारा मेडकिल स्टॉफ, नर्सेज एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करायी। अगस्त 2006 में मुफ्त दवा की व्यवस्था की शुरूआत तत्कालीन उप राष्ट्रपति स्व0 भैरोसिंह शेखावत से करायी गयी थी। इन सब सुविधाओं के बाद जब अक्टूबर-नवंबर 2006 में सर्वे कराया तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 1000 से 1500 तक पहुंच गई और आज सर्वे से जानकारी मिली है कि अब प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर महीने में औसतन 10 हजार 500 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित कर कम्यूनिटी अस्पताल के रुप में परिवर्तित कर 6 बेड से बढ़ाकर 30 बेड की व्यवस्था भी की गयी है। जिला अस्पतालों में भी सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है।
गरीब अब अपने पैसे का सदुपयोग जीवन की अन्य सुविधाओं के लिए कर रहे हैं, क्योंकि सरकार उनके इलाज के लिए अस्पतालों में उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेशन का गठन किया गया है जिसके माध्यम से दवा की खरीद, मशीन की खरीद, अस्पतालों का निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। राज्य में नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। पी0एम0सी0एच0 को 5 हजार बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है। एन0एम0सी0एच0 एवं आई0जी0आई0एम0एस0 को 2500 बेड के अस्पताल के रुप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में जो नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं वे भव्य हैं। पावापुरी मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण बेहतर ढंग से हो रहा है।
पुराने अस्पतालों को भी ठीक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से भी गरीब लोगों के इलाज के लिए सहायता की जा रही है। जिलों में भी सिविल सर्जन को अपना आवेदन देकर मरीज अपने इलाज के लिए सहायता ले रहे हैं। दिल्ली और मुंबई में भी बिहार के मरीजों की सहायता के लिए केंद्र बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम किये जा रहे हैं और जिन चीजों की आवश्यकता होगी सरकार उसके लिए संसाधनों का इंतजाम कराएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्पगुच्छ, प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंटकर प्रधान सचिव स्वास्थ्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायक संजीव चौरसिया, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक श्रीमती गरिमा मल्लिक सहित अन्य पदाधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।