असम के उदलगुड़ी जिले में मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) का एक उग्रवादी मारा गया। विशेष पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने बताया कि एक सूचना के आधार पर पुलिस ने मजबत पुलिस थाना अंतर्गत दीमाचांग में अभियान चलाया और संगठन के स्वयंभू उदलगुड़ी जिला कमांडर को मुठभेड़ में मार गिराया। सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह उदलगुड़ी जिले के मजबत पुलिस थाना के दीमाचांग इलाके में पुलिस मुठभेड़ में जयफ्रुश एन ज्वंग्ख्वां मारा गया।’’
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर उसके पास से एक पिस्तौल और कई कारतूस बरामद हुए हैं। मारा गया उग्रवादी पूर्व एनडीएफबी नेता एम काथा का करीबी सहयोगी था जिसने जनवरी 2020 में तीसरे बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान अन्य कई काडरों के साथ आत्मसमर्पण किया था। लेकिन बाद में वह एनएलएफबी के गठन के लिए जंगल चला गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह संगठन मुख्यत: बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के तहत आने वाले जिलों में अधिकतर फिरौती में शामिल रहता है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को ही विधानसभा में कहा कि 2016 से अब तक कुल 3,439 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोरोलैंड (एनडीएफबी) पर प्रतिबंध है जबकि कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) सक्रिय है।
बीजेपी विधायक बिस्वजीत फूकन के एक सवाल के जवाब में सरमा ने कहा कि इस साल छह जुलाई तक 1,306 हथियार, 20,722 विभिन्न गोला-बारूद, 89 बम, 599 ग्रेनेड और 121.72 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए है। इसके अलावा, 748 हथियार और 19,299 गोला-बारूद विद्रोहियों द्वारा जमा किए गए थे, जिन्होंने अधिकारियों के सामने इन्हें सौंप दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हथियार छोड़ने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए विशेष कदम उठाए है।