केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सबरीमला पर माकपा की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार के रूख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने नये कानून के नाम पर श्रद्धालुओं को ‘‘धोखा’’ दिया है।
विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबरीमला पर राज्य सरकार के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारा रूख उच्चतम न्यायालय के आदेश का क्रियान्वयन करने का था। यदि न्यायालय कोई और आदेश देता है तो हम उसके मुताबिक काम करेंगे।’’
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा अर्चना करने की इजाजत दे दी थी। एलडीएफ सरकार ने जब अदालत के फैसले को लागू करने की घोषणा की थी तब समूचे राज्य में भाजपा और दक्षिणपंथी संगठनों ने प्रदर्शन किये थे।
विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘किसी को यह सोचने की जरूरत नहीं है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के नतीजे निर्धारित करने के जो कारण रहे थे, वही पाला विधानसभा सीट उपचुनाव के परिणाम को भी प्रभावित करेंगे। भाजपा ने हमेशा ही सबरीमला का इस्तेमाल किया। यह हमें प्रभावित नहीं करने जा रहा।’’
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 20 सीटों में विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि एलडीएफ महज एक सीट जीत पाई थी।
विजयन ने कहा कि भाजपा ने अपने झूठे वादों में यकीन करने वाले लोगों को धोखा दिया है। दरअसल, भाजपा ने दावा किया था कि केंद्र सरकार (सबरीमला पर शीर्ष न्यायालय के फैसले को नाकाम करने के लिए) एक नया कानून लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कहां हैं वे लोग, जिन्होंने दावा किया था कि वे सबरीमला से जुड़े विषय पर एक नया कानून लाएंगे ? अब वे (भाजपा) कह रहे हैं कि यह संभव नहीं है। क्या उन्होंने उन लोगों को धोखा दिया, जिन्होंने उन पर भरोसा किया था।’’
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी श्रद्धालुओं के साथ है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां देश का संविधान फिर से लिखना चाहती है। लेकिन अभी एक निर्वाचित सरकार संविधान के मुताबिक ही काम करेगी। वहीं,विजयन के बयानों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा ने कहा कि यह वाम दल के वैचारिक दिवालियेपन को प्रदर्शित करता है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि माकपा और राज्य सरकार सबरीमला पर अपने दोहरे मानदंड से लोगों को ठग रही है।