केसीआर (KCR) नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने परोक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों से एकजुट होकर बुरी ताकतों द्वारा धार्मिक नफरत पैदा करने की कोशिशों को विफल करने का आह्वान किया है।साथ ही मुख्यमंत्री ने बुद्धिजीवियों और विचारकों को राजनीति के लिए धर्म के नाम पर लोगों के बीच फूट डालने के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेलंगाना में धार्मिक घृणा के लिए कोई जगह नहीं है। KCR ने ये बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कही।
धर्म के नाम पर अशांति पैदा करने की रची साजिश
माकपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य सचिव तम्मिनेनी वीरभद्रम ने किया और इसमें पूर्व विधायक जुलाकांति रंगारेड्डी और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य चेरुपल्ली सीतारामुलु शामिल थे। उन्होंने लगभग एक घंटे तक विभिन्न राजनीतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।इस अवसर पर बोलते हुए केसीआर ने कहा कि कुछ विभाजनकारी ताकतों ने शांतिपूर्ण तेलंगाना राज्य में राजनीति के लिए धर्म के नाम पर अशांति पैदा करने की साजिश रची।उन्होंने विभाजनकारी ताकतों की साजिशों को रोकने के लिए नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकतांत्रिक समर्थकों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिक नेताओं को एकजुट करने के उनके आह्वान के जवाब में आगे आने के लिए सीपीआई (एम) को धन्यवाद दिया।
संस्थानों का ‘दुरुपयोग’ कर रही है भाजपा
माकपा नेताओं ने केसीआर से कहा कि वे धर्म के नाम पर घृणा फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ उनकी लड़ाई को पूरा समर्थन देंगे।इस मौके पर माकपा नेताओं ने लोगों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।सीपीआई (एम) ने 1 सितंबर को मुनुगोड़े विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को समर्थन देने का फैसला किया।वीरभद्रम ने कहा कि भाजपा को रोकने की जरूरत है जो अपने राजनीतिक हितों के लिए संस्थानों का ‘दुरुपयोग’ कर रही है।भाकपा ने टीआरएस को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया, क्योंकि उनका मानना है कि सत्ताधारी दल के पास भाजपा को हराने की ताकत है।