राष्ट्रीय महिला आयोग के तथ्यान्वेषी दल ने कहा है कि कोलकाता में कथित रूप से अपहरण और सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को अभी तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। घटना के समय पीड़िता शहर के एक आश्रय गृह में रह रही थी। आयोग के अनुसार आश्रय गृह के संचालन में भी अनियमितताएं पाई गई हैं।
कोलकाता पहुंचकर 38 वर्षीय पीड़िता से मुलाकात करने वाले दल ने कहा कि महिला को जिस वृद्धाश्रम में भेजा गया है, उसका संचालन भी उसी आश्रय गृह का मालिक कर रहा है। दल के अनुसार पीड़िता और उसकी मां को बिना उचित दस्तावेजीकरण के आश्रय गृह में रखा गया था।
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी की अगुवाई में जांच समिति का गठन किया था। गौरतलब है कि महिला जब रात के समय आश्रय गृह का ताला तोड़कर बाहर निकली तो पंच सायर क्षेत्र में आश्रय गृह के पास की सड़क पर कुछ पुरुष उसे जबरन कार में बैठाकर ले गए और सोमवार तथा मंगलवार की रात उसके साथ बलात्कार किया।
आयोग ने यात्रा करने के बाद सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा, घटना के दो दिन बाद पीड़िता की मां की आश्रय गृह में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि, उनकी मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया है लेकिन अभी चिकित्सा रिपोर्टों की प्रतीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता को अभी तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई है और उसे उसी आश्रय गृह के मालिक द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में भेज दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पूरी व्यवस्था में कई खामियां दिखाई पड़ती हैं। जब पीड़िता की बहन शिकायत दर्ज कराने गई तो थाने में कोई महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थी। साथ ही यह भी कहा गया है कि शहर में निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृहों की निगरानी या ऑडिट नहीं हुआ है। तथ्यान्वेषी दल ने संयुक्त आयुक्त को पीड़ित महिला को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने और मुआवजा देने के लिये कहा है।