देश के कई राज्यों में इन दिनों राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। इनमें से एक है कर्नाटक राज्य, जहां पर पिछले कुछ दिनों से ऊहांपोह जैसा माहौल बना हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर सवाल उठ रहे है कि वह अगले कुछ दिनों में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हाईकमान इसको सिरे से नकार रहा है और इन तमाम सियासी अटकलों को अफवाह करार दे रहा है।
उधर, केंद्र सरकार में केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का स्थान लेने के बारे में कोई बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि केवल मीडिया ही इस बारे में बात कर रहा है। जैसा कि येदियुरप्पा ने घोषणा की थी कि वह 25 जुलाई को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेंगे।
जोशी ने हालांकि कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि केन्द्रीय नेतृत्व ने येदियुरप्पा से इस्तीफा देने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री का पद छोड़ना तय माना जा रहा है। जोशी ने संवाददाताओं से कहा, “किसी ने मुझसे इस बारे में (येदियुरप्पा की जगह लेने के बारे में) बात नहीं की है। केवल मीडिया ही इस बारे में बात कर रहा है। चूंकि मुझसे इस बारे में किसी ने कोई बात नहीं की है, इसलिए इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की कोई जरुरत नहीं है।”
यह पूछे जाने पर कि यदि उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो क्या होगा, केंद्रीय मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं कभी भी ‘यदि’ और ‘लेकिन’ शब्दों वाले काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं देता। मैं ऐसे सवालों का जवाब नहीं देना चाहता।” उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा नेतृत्व के अलावा ‘सर्वोच्च नेता’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही इस बारे में फैसला करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “भाजपा के कोई आलाकमान नहीं है सिर्फ राष्ट्रीय नेतृत्व है। हमें समय-समय पर अलग-अलग नेतृत्व मिला है। एक समय राजनाथ सिंह थे, जिसके बाद नितिन गडकरी आए, उनके बाद अमित शाह पार्टी अध्यक्ष बने और अब जे पी नड्डा हैं। मौजूदा समय में, हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के रूप में सर्वोच्च नेता हैं। वे ही तय करेंगे।”
उन्होंने प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के संतों द्वारा भाजपा को चेतावनी देने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें संतो ने कहा है कि यदि लिंगायत नेता येदियुरप्पा को पद से हटा दिया गया तो भाजपा बर्बाद हो जाएगी। गौरतलब है कि 58 वर्षीय जोशी 2004 से ही कर्नाटक की धारवाड़ सीट से सांसद हैं। वह जुलाई 2012 से जनवरी 2016 तक भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं।
यह पूछे जाने पर कि यदि उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो क्या होगा, केंद्रीय मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं कभी भी ‘यदि’ और ‘लेकिन’ शब्दों वाले काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं देता। मैं ऐसे सवालों का जवाब नहीं देना चाहता।” उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा नेतृत्व के अलावा ‘सर्वोच्च नेता’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही इस बारे में फैसला करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “भाजपा के कोई आलाकमान नहीं है सिर्फ राष्ट्रीय नेतृत्व है। हमें समय-समय पर अलग-अलग नेतृत्व मिला है। एक समय राजनाथ सिंह थे, जिसके बाद नितिन गडकरी आए, उनके बाद अमित शाह पार्टी अध्यक्ष बने और अब जे पी नड्डा हैं। मौजूदा समय में, हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के रूप में सर्वोच्च नेता हैं। वे ही तय करेंगे।”
उन्होंने प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के संतों द्वारा भाजपा को चेतावनी देने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें संतो ने कहा है कि यदि लिंगायत नेता येदियुरप्पा को पद से हटा दिया गया तो भाजपा बर्बाद हो जाएगी। गौरतलब है कि 58 वर्षीय जोशी 2004 से ही कर्नाटक की धारवाड़ सीट से सांसद हैं। वह जुलाई 2012 से जनवरी 2016 तक भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं।