सबरीमाला पर सर्वदलीय बैठक में नहीं टूटा गतिरोध, अदालती आदेश लागू करना दायित्व : राज्य सरकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सबरीमाला पर सर्वदलीय बैठक में नहीं टूटा गतिरोध, अदालती आदेश लागू करना दायित्व : राज्य सरकार

हालांकि पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार ‘श्रद्धालुओं के साथ है। किसी चिंता की कोई जरुरत नहीं है। सरकार सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी।

सबरीमाला मुद्दे पर गुरुवार को यहां सर्वदलीय बैठक में केरल सरकार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने पर अड़े रहने पर विपक्षी दल उठकर वहां से चले गये। सुप्रीम कोर्ट ने भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दी थी और राज्य सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि इस आदेश को लागू करना उसका दायित्व है। विपक्षी दलों ने 22 जनवरी तक शीर्ष अदालत के आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित करने की मांग की।

इस आदेश के विरुद्ध दायर समीक्षा याचिकाओं पर उसी दिन सुनवाई होनी है। विपक्ष की मांग खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि चूंकि शीर्ष अदालत ने 28 सितंबर के अपने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, ऐसे में आगामी तीर्थाटन सीजन में इस मंदिर में 10-50 साल उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।

तीन घंटे तक चली इस बैठक में जब कोई आम सहमति नहीं बनी तब कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और बीजेपी के प्रतिनिधि इस अहम वार्ता के आखिर में उठकर चले गये। यह सर्वदलीय बैठक दो महीने तक चलने वाले तीर्थाटन सीजन के लिए मंदिर के 17 नवंबर को खुलने से पहले बुलायी गयी थी।

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कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने से दो बार यह मंदिर खुला तथा कुछ महिलाओं ने उसमें प्रवेश की कोशिश की परंतु श्रद्धालुओं और विभिन्न हिंदू संगठनों के क्रुद्ध प्रदर्शन के चलते वे प्रवेश नहीं कर पायीं। पिनराई विजयन ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने बिना किसी पूर्वाग्रह के यह बैठक बुलायी।

पिनराई विजयन  ने कहा, ‘‘सरकार अड़ियल नहीं है। लेकिन उसके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। यदि कल अदालत कोई और निर्णय लेती है तो सरकार उसका पालन करेगी। ’’ हालांकि पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार ‘श्रद्धालुओं के साथ है। किसी चिंता की कोई जरुरत नहीं है। सरकार सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी।

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वामपंथी नेता ने कहा कि सरकार बस अदालत के आदेश का पालन कर सकती है और सभी श्रद्धालुओं को यह बात समझनी चाहिए। बहिर्गमन की घोषणा करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा कि सरकार अदालत के आदेश को लागू करने के अपने रुख पर अडिग है और किसी भी समझौते के लिए वह तैयार नहीं है।

पिनराई विजयन ने कहा, ‘‘यह श्रद्धालुओं के लिए चुनौती है।’’ पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार सबरीमला तीर्थाटन को ‘‘कमजोर’’ की कोशिश कर रही है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लै ने कहा कि बैठक बस समय की बर्बादी है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने पंडलाम राजपरिवार और तांत्री परिवार के सदस्यों से भेंट भी की। यह राज परिवार सबरीमला मंदिर से पारंपरिक रूप से जुड़ा है।

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