पटना : पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने कहा है कि लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर महत्व नहीं दिया गया जैसा कि राष्ट्र की अपेक्षा रही है। पिछले चार वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता उत्कृष्टता दलित, आदिवासी एवं अन्य पिछड़े वर्गों में शिक्षा की विस्तार की कमी एवं विश्वविद्यालय स्तर पर गुणवत्ता की हस की चर्चा विभिन्न मंचों से अवश्य की है।
परंतु 2019 लोकसभा चुनाव के पूर्व भी नई शिक्षा नीति की चर्चा अवश्य होती रही है परंतु इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जाना राष्ट्र के लिए दुखदायी है। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर से उच्च स्तर तक की कमजोरियां पायी गयी है।
श्री मोदी ने पिछले चार वर्षों में देश के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों के लिए निरंतर कार्य किया है। परन्तु शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नई शिक्षा नीति का नहीं बन पाना विस्मयकारी प्रतीत होता है। महाविद्यालय की तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालय की संख्या में वृद्धि हुई है। परन्तु शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पाया है जिसे प्रधानमंत्री ने स्वयं स्वीकारा है।