नैनीताल : बाजपुर-सितारगंज हाईवे (एनएच-74) मुआवजा घोटाला मामले में फरार आरोपित 14 किसानों की गिरफ्तारी को लेकर एसआइटी सक्रिय हो गई हैै। एसआइटी को अंदेशा है कि फरार आरोपित अपनी चल अचल संपत्ति खुर्दबुर्द करने की फिराक में हैं। एसआइटी ने इसी आधार पर एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल में प्रार्थना पत्र देकर कुर्की का नोटिस जारी करने की मांग की है। दरअसल एसआइटी जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट में छह आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है।
एसआइटी के अनुसार इन आरोपितों द्वारा बेक डेट में जमीन की 143 (कृषि भूमि का अकृषि घोषित कराना) की कार्रवाई कर मुआवजा ले लिया। इसमें नन्हे पुत्र फकीरा निवासी मड़इया, थाना केलाखेड़ा पर 89 लाख, बलदेव सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी चीकाघाट सितारगंज पर 1.30 करोड़, बरिंदर सिंह पुत्र दलजीत सिंह ग्राम गिन्नीखेड़ा काशीपुर पर 34 करोड़, जगदीश अरोड़ा पुत्र निहाल चंद्र वार्ड नंबर एक जसपुर खुर्द काशीपुर पर दस करोड़, बिचौलिया मो. असरफ पुत्र मो अनीस निवासी मोहल्ला थाना साबिक काशीपुर व दिनेश कुमार पुत्र प्रताप सिंह टांंडा बाजपुर पर छह-छह लाख मुआवजा लेने का आरोप है।
डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार घोटाले में आरोपित नन्हे, बलदेव व बरिंदर की हाई कोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है। जबकि जगदीश व दिनेश के खिलाफ समन जारी कर गिरफ्तारी की कार्रवाई होनी है। इसके अलावादस करोड़ मुआवजा लेने के आरोपित दिलबाग सिंह की संपत्ति कुर्क की कार्रवाई के लिए विवेचनाधिकारी द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है।
जबकि 14 अन्य फरार किसानों के खिलाफ धारा-82 सीआरपीसी के तहत कुर्की की कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। इसके अलावा पूर्व भूमि अध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह, अनिल शुक्ला, तीर्थपाल, विक्रमजीत समेत अन्य 22 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है। इनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई 13 अगस्त को नियत है।