देहरादून : भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और जेएनयू में छात्रों पर हमले के विरोध में अब देहरादून में सांझा मंच बनाने की तैयारी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित अन्य दलों की बैठक में संयुक्त रूप से विरोध जताने के लिए एक मंच पर आने का फैसला लिया गया। डूंगा हाउस में हुई बैठक में तय किया कि 21 जनवरी को दून में साझा सम्मेलन कर आगे की रणनीति घोषित की जाएगी।
परेड ग्राउंड के पास एक वेडिंग प्वाइंट में विपक्षी दलों व जन संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें जेएनयू प्रकरण पर सरकार के कदम की निंदा की गई। इसके अलावा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चर्चा की गई। जिसके बाद सरकार के गैर संवैधानिक कदमों के खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति तैयार की गई। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के अनुसार ये सारे विषय एक दूसरे से जुड़े हैं और इन पर व्यापक जनमत तैयार करने की भी जरूरत है। इसी को देखते हुए साझा मंच बनाने का फैसला किया है।
इस मंच में कांग्रेस के साथ ही परिवर्तन पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों, वामपंथी संगठनों, नागरिक मंचों और संगठनों को शामिल किया जाएगा। बैठक में तय किया कि 21 को दून में प्रस्तावित सम्मेलन में एनआरसी, सीएए नहीं बल्कि रोजगार, सबका विकास, बेहतर स्वास्थ्य आदि की मांग सरकार से की जाएगी। सरकार का ध्यान विकास परक मुद्दों पर होना चाहिए। एनआरसी, सीएए जैसे मुद्दों के कारण जनहित से जुड़े मामले बहस का केंद्र नहीं बन रहे हैं। इसके बाद 30 जनवरी को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के साथ जन सहभागिता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
जिसमें सरकार से मांग की जाएगी कि लोगों को सीएए, एनसीआर, एनपीआर की जगह बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार, स्वास्थ सेवा व शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। बैठक में सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. एसएन सचान, सीपीआई के राज्य सचिव समर भंडारी, सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता बची राम कंसवाल, माले के सचिव इंद्रेश मैखुरी सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।