देहरादून : उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा से सतर्कता की टीम ने सुद्धोवाला जेल में पूछताछ की। इस दौरान मिश्रा की शैक्षिक योग्यता से लेकर तैनाती को लेकर 20 से ज्यादा सवाल पूछे गए। इधर, कोर्ट में वकीलों की हड़ताल के चलते मिश्रा की जमानत पर अब 19 दिसंबर को सुनवाई होगी।
आयुर्वेद विवि से जुड़े एक करोड़ के घपले में फंसे निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। जांच अधिकारी प्रदीप पंत ने टीम के साथ सुद्धोवाला जेल पहुंचकर मृत्युंजय मिश्रा से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान मिश्रा की शैक्षिक योग्यता, पढ़ाई कहां से की, कहां के रहने वाले, उत्तराखंड में पहली पोस्टिंग, यूटीयू से लेकर आयुर्वेद विवि तक तैनाती आदि 20 से ज्यादा सवाल पूछे।
कई सवालों पर मिश्रा ने हां और न में जवाब दिए, जबकि कुछ पर खुलकर अपनी बात रखी। इस मामले में सतर्कता ने शासन को भी पत्र लिखा है कि मिश्रा की शैक्षिक योग्यता से जुड़े प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाए। सतर्कता के निदेशक अपर पुलिस महानिदेशक राम सिंह मीणा ने बताया कि जेल में पूछताछ के बाद जो कहानी मिश्रा ने बताई, उसे जांच में शामिल किया जाएगा।
उधर, सतर्कता के विशेष न्यायालय में मिश्रा की जमानत पर सुनवाई नहीं हो पाई। मिश्रा की तरफ से वकील मोहम्मद आरिफ वेग और एमएस पंत पूरी तैयारी के साथ कोर्ट पहुंचे थे। मगर, वकीलों की जारी हड़ताल और दूसरे कारणों के चलते मामले में सुनवाई नहीं हो पाई। कोर्ट ने अब 19 दिसंबर को जमानत पर सुनवाई होगी।
इसके अलावा मिश्रा की पत्नी श्वेता ने भी हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई गई है। इस अर्जी पर भी हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर को सुनवाई होने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि इससे पहले की टीम मिश्रा से सवाल पूछती, मिश्रा ने उलटे सवाल पूछने शुरू कर दिए। मिश्रा ने यहां तक कह दिया कि किस आधार पर गिरफ्तार किया और कैसे यह धाराएं लगाई गई। करीब आधे घंटे तक टीम मिश्रा के सवालों पर उलझती रही।
– सुनील तलवाड़