गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा पूरी तरह ‘निष्पक्ष’ है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। गृह मंत्री की यह टिप्पणी आज उस वक्त आयी है जब एनआरसी के प्रकाशित मसौदे में असम के करीब 40 लाख निवासियों के नाम शामिल नहीं हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”किसी के भी खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसलिए किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है। यह एक मसौदा है ना कि अंतिम सूची।” राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर किसी का नाम अंतिम सूची में शामिल नहीं है तो वह विदेशी न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटा सकता है।
उन्होंने कहा, ”कुछ लोग अनावश्यक रूप से डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी तरह की शंका या डर की जरुरत नहीं है। एनआरसी की प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से पूरी की गई है।”
असम में नागरिकता की फाइनल लिस्ट जारी, 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं पाए गए
राजनाथ सिंह ने कहा कि हो सकता है कि कुछ लोग अनिवार्य दस्तावेज जमा ना करा पाए हों और उन्हें दावों तथा आपत्तियों की प्रक्रिया के जरिए पूरा मौका दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि दावों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही अंतिम एनआरसी जारी किया जाएगा और यहां तक कि इसके बाद भी हर व्यक्ति को विदेशी न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा, ”इसका मतलब है कि जिनके नाम अंतिम एनआरसी में नहीं है उन्हें न्यायाधिकरण के पास जाने का मौका मिलेगा। किसी के भी खिलाफ किसी बलपूर्वक कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता।” उन्होंने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की गई और इसे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में किया गया।