शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि ठाणे के रहने वाले कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंपना मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र सरकार के लिये झटके की बात नहीं है। राउत ने नासिक में पत्रकारों से कहा, ”विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिलने और मनसुख हिरन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंपने की कोई जरूरत नहीं थी। आतंकवाद-रोधी दस्ता और मुंबई पुलिस इन मामलों की जांच करने में सक्षम हैं।”
उन्होंने कहा, ”बहरहाल, केन्द्र सरकार महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को घेरने के मौके तलाश रही है। आप चाहें तो सीआईए या केजीबी से इस मामले की जांच करा लें…इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह मुंबई पुलिस या एमवीए सरकार के लिये झटका नहीं है।”
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिली थी। बाद में पांच मार्च को इस कार के मालिक हिरन का शव ठाणे में मिला था। हिरन की मौत के मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था।
विस्फोटक मिलने के मामले की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस के सहायक निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है। हिरन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति की रहस्यमय मौत के मामले में वाजे का हाथ है। परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बारे में राउत ने कहा , ”मुंबई पुलिस को नया नेतृत्व मिल गया है। पुलिस महकमे में फेरबदल उन गलतियों को सुधारने के लिये किया गया है, जो हो सकता है कि हुई हों।” सचिन वाजे मामले से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे सिंह का बुधवार को तबादला कर दिया गया था। उनकी जगह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले को मुंबई पुलिस आयुक्त बनाया गया है।