ओडिशा में पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप कुमार मांझी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मांझी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस्तीफे के पीछे उन्होंने पार्टी में उत्साह की कमी को कारण बताया है।
इस्तीफे में प्रदीप कुमार मांझी ने लिखा, ‘‘ अत्यंत आदर के साथ, अत्यंत दुख और पीड़ा के साथ मैं यह कहना चाहता हूं कि मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’’ प्रमुख आदिवासी नेता और नबरंगपुर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद मांझी ने कहा कि वह कांग्रेस में रहते हुए लोगों की सेवा करना चाहते थे, लेकिन पार्टी में अब ‘‘उत्साह की कमी’’ है।
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उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ पार्टी का संगठन आपके गतिशील नेतृत्व में बहुत अच्छे से काम कर रहा था, जो धीरे-धीरे विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अड़ियल लोगों के कारण प्रभावित हुआ और अब पार्टी ने अपनी विश्वसनीयता लगभग खो दी है, जिसे बहाल होने में लंबा समय लग सकता है। मैं लोगों की सेवा करने की काफी इच्छा रखता हूं, लेकिन कांग्रेस पार्टी में इसकी काफी कमी है। मैं बड़े ही दुख के साथ पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं....हालांकि मैं आपकी विचारधारा के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा और लोगों की सेवा करूंगा।’’
बीजद में शामिल हो सकते हैं मांझी
मांझी के करीबी सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद इस महीने अपने समर्थकों के साथ, राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) में शामिल हो सकते हैं, जब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक नबरंगपुर के दौरे पर जाएंगे। मांझी 2009 में नबरंगपुर से ही लोकसभा सांसद चुने गए थे, लेकिन 2014 और 2019 में उन्हें क्रमश: बीजद के बलभद्र मांझी और रमेश मांझी से हार का सामना करना पड़ा था।
प्रदीप मांझी की नबरंगपुर और मलकानगिरी में आदिवासियों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। उन्होंने अपने इस्तीफे की प्रतियां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के ओडिशा मामलों के प्रभारी और सांसद चेल्ला कुमार, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक और कांग्रेस महासचिव रुद्र राजू को भी भेजी है।