ओडिशा पुलिस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) जासूसी मामले में एक संदिग्ध महिला कार्यकर्ता की पहचान के लिए इंटरपोल से मदद मांगेगी। पुलिस के आला अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुुए कहा कि 14 सितंबर को चांदीपुर में डीआरडीओ इकाई के पांच पूर्व संविदा कर्मचारियों को अज्ञात विदेशी एजेंटों के साथ वर्गीकृत रक्षा (क्लासीफाइड डिफेंस) जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जानकारी के मुताबिक, इनके पाकिस्तान से होने का संदेह था।
जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि एक संदिग्ध महिला ब्रिटेन के मोबाइल फोन नंबर का उपयोग करके फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर आरोपी के साथ चैट कर रही थी और वीडियो कॉल कर रही थी। ओडिशा पुलिस (अपराध शाखा) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) संजीव पांडा ने कहा कि स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, ओडिशा अपराध शाखा ब्रिटेन के मोबाइल नंबर का विवरण प्राप्त करने के लिए इंटरपोल से मदद मांगेगी, जिसका इस्तेमाल रहस्यमय महिला हैंडलर द्वारा किया गया था।
दुबई स्थित बैंक खाते का विवरण, जिसमें से एक आरोपी के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था, अब तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा, यह संदिग्ध महिला के किसी भी सहयोगी का खाता हो सकता है। पांडा ने कहा कि ओडिशा अपराध शाखा की एक टीम बालासोर में डेरा डाले हुए है और जांच कर रही है कि क्या आरोपियों को किसी अन्य स्रोत से पैसा मिला है।
इससे पहले, ओडिशा पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा था कि ‘रहस्यमय’ महिला ने दो आरोपियों को हिंदी में वीडियो कॉल की थी और वह अलग-अलग नामों और प्रोफाइल तस्वीरों के तहत सात फेसबुक अकाउंट के जरिए पांचों आरोपियों के संपर्क में थी। संदिग्ध महिला संचालक ने गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को शादी का प्रस्ताव भी दिया था और चांदीपुर स्थित एक अन्य आरोपी के घर जाने का वादा भी किया था।
क्राइम ब्रांच ने पांचों आरोपियों को सात दिन के रिमांड पर लिया था। उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों और तकनीकी आंकड़ों का और सत्यापन करने के बाद, यदि आवश्यक हुआ, तो अपराध शाखा उनकी और रिमांड की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अब इस बात पर काम कर रही है कि इस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र (चार्जशीट) कैसे तैयार किया जाए।