सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को राहत देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को फिलहाल कोई फैसला ना लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है और यह एकनाथ शिंदे नीत सरकार के अस्तित्व का नहीं बल्कि लोकतंत्र के अस्तित्व के बारे में हैं।
शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्य में ‘‘अवैध’’ सरकार बनाने की कोशिश की गई और इसके लिए राजभवन तथा राज्य विधायिका का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है।’’
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया, जिनमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे धड़े की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है।
महाराष्ट्र : उद्धव ठाकरे को राहत, SC ने विधानसभा स्पीकर के फैसले लेने पर लगाई रोक
सिब्बल ने कहा, ‘‘कोर्ट ने कहा था कि याचिकाओं को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। मैं आग्रह करता हूं कि मामले पर सुनवाई पूरी होने तक अयोग्यता संबंधी कोई फैसला ना किया जाए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि बागी विधायकों के संपर्क करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी थी।
उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने तीन और चार जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव किया गया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित किया।
सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 27 जून को शिंदे गुट को राहत प्रदान करते हुए 16 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर जवाब देने की अवधि 12 जुलाई तक बढ़ा दी थी। राउत ने ट्वीट किया, ‘‘शिवसेना ने महाराष्ट्र के लोगों की ओर से इस अन्याय के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है। हमारा मानना है कि देश में लोकतंत्र कायम है या नहीं या सरकार संविधान के अनुसार काम करती है या नहीं, इस पर फैसला आएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सवाल शिंदे सरकार के अस्तित्व को लेकर नहीं है… सबसे बड़ा सवाल लोकतंत्र के अस्तित्व को लेकर है… यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायतंत्र की भी परीक्षा है।’’ राउत ने कहा कि ‘‘कुछ लोग’’ दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘क्या सुप्रीम कोर्ट उनकी जेब में है? नहीं, सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र एवं निष्पक्ष है और सुप्रीम कोर्ट को इस संबंध में फैसला करना है।’’
शिंदे के नेतृत्व में 39 विधायकों द्वारा पिछले महीने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी। इसके बाद 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।