विपक्षी दलों पर संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार के पास देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने की कोई फौरी योजना नहीं है और सरकार किसी भी उस व्यक्ति से बात करने के लिए तैयार है, जो हिंसा में लिप्त नहीं हो।
रेड्डी ने यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के तहत नागरिकता के नियम अभी नहीं बनाए गए हैं और गृह मंत्रालय द्वारा नियम बनाने में अभी समय लगेगा।
राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाये जाने संबंधी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रेड्डी ने कहा कि यह कदम ‘‘झूठी’’ और ‘‘शरारतपूर्ण’’ सूचना का प्रचार करने से रोकने के लिए उठाया गया है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हमारे पास देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने की कोई फौरी योजना नहीं है।”
किसी समय सीमा का उल्लेख किए बिना रेड्डी ने कहा कि संसद में अमित शाह ने घोषणा की थी कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल धर्म के नाम पर छात्रों, महिलाओं और अन्य को उकसा कर संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को भड़का रहे हैं।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कुछ राजनीतिक दल संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को भड़का रहे हैं। वे धर्म के नाम पर महिलाओं, छात्रों और अन्य को उकसा रहे हैं।’’
मंत्री ने कहा कि कोई भी सरकार हिंसा सहन नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें हिंसा से निपटना होगा। यह कानून किसी धर्म, समुदाय या राज्य के खिलाफ नहीं है। धर्म के नाम पर विरोध का कोई कारण नहीं होना चाहिए।’’
रेड्डी ने कहा कि दिल्ली और लखनऊ में कुछ स्थानों के अलावा देश में स्थिति सामान्य है। दिल्ली और लखनऊ में पिछले कुछ दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की पहली प्राथमिकता कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद हम इस बात की जांच करेंगे कि इन प्रदर्शनों के पीछे कुछ बाहरी ताकतें तो नहीं है।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि नया कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को नागरिकता देगा और किसी की भारतीय राष्ट्रीयता नहीं छीनी जायेगी।’’
देशभर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में रेड्डी ने कहा, ‘‘कोई तनाव नहीं है। मुझे नहीं पता कि लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि मंत्रालय राज्य सरकारों के संपर्क में है और राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को नियमित रूप से परामर्श भेजे जा रहे है।
रेड्डी ने राजनीतिक दलों से जिम्मेदारी से कार्य करने और आम लोगों को यह बताने की अपील की कि सीएए केवल पड़ोसी देशों के उत्पीड़त शरणार्थियों की मदद करने के लिए है।
प्रदर्शनों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार हरेक से बात करने की इच्छुक है लेकिन उन्होंने लोगों से हिंसा में नहीं शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में अहिंसक विरोध का हमेशा स्वागत होता है।’’
मंत्री ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने हिरासत केन्द्र बनाये जाने जैसी अफवाहों को सोशल मीडिया पर फैलाया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि हिरासत केंद्र के बारे में यह सवाल कहां से आया। कृपया विरोध प्रदर्शनों के लिए जाने से पहले सीएए को ध्यान से पढ़ें। सीएए में भारतीय के बारे में एक भी शब्द नहीं है।’’
उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जारी रखने के लिए पूर्वोत्तर के लोगों की प्रशंसा की।