छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछले 2 वर्षों में भारतीय रिजर्व बैंक समेत विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 36170 करोड़ रूपए का ऋण लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा के शिवरतन शर्मा के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। शिवरतन शर्मा के ऋण राशि के राजस्व व्यय एवं पूंजीगत मदों में व्यय की जानकारी मांगने पर उन्होंने कहा कि ऋण किसी खास मद के लिए नही लिया जाता है। सरकार ऋण लेती है और अपनी बहुत सारी जरूरतों के मद पर उसे व्यय करती है।
शिवरतन शर्मा द्वारा ऋण के संबंध में नेता प्रतिपक्ष के आज ही पूछे एक प्रश्न में अलग जानकारी दिए जाने पर सवाल किए जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि अगर उन्हे ऐसा लगता है तो वह प्रश्न संदर्भ समिति में इसकी शिकायत कर सकते है। इस पर शिवरतन शर्मा ने मुख्यमंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी प्रश्न संदर्भ समिति में शिकायत के कथन पर आपत्ति की।
शिवरतन शर्मा द्वारा राज्य के लिए तय ऋण सीमा के बारे में पूछे जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि जीडीपी की तय राशि 25 प्रतिशत है जबकि सरकार ने 20 प्रतिशत तक ही ऋण लिया है। भूपेश बघेल ने नेता प्रतिपक्ष धरम कौशिक से इस बारे में पूछे एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एक दिसम्बर 2018 को राज्य के ऊपर कुल 41239 करोड़ का ऋण भार था जबकि 29 जनवरी 21 को 70646 करोड़ का ऋण भार था।