पेगासस जासूसी विवाद को लेकर सख्त हुई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, फोन टैपिंग मामले की पड़ताल के लिए 2 सदस्यीय जांच आयोग का किया गठन। बता दें कि इस जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज भी शामिल होंगे। सीएम ममता ने यह फैसला उस समय लिया है जब उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी उन संभावितों की लिस्ट में जुड़ गया है, जिनका फोन पेगासस स्पाइवेयर से हैक किया गया हो।
पेगासस जासूसी विवाद की जांच के लिए आयोग के गठन का फैसला विशेष कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ‘हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है, इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित कर दिया।’
2 सदस्यों वाले इस पैनल की अध्यक्षता कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य करेंगे। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन भीमराव लोकुर भी इस पैनल में शामिल होंगे। सीएम ममता ने कहा, ‘बंगाल के लोगों के नाम पेगासस की लिस्ट में मिले हैं। केंद्र सरकार सबकी जासूसी करना चाहती है। आयोग इस अवैध हैकिंग के बारे में पता लगाएगा।’
बता दें कि पेगासस स्पाइवेयर से फोन टैपिंग करने वाली लिस्ट में भारत के निवासियों के भी नाम शामिल होने की रिपोर्ट आने के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है, विपक्ष इस मामले में केंद्र को घेरने कि कोशिश में लगी हुई है जिसके चलते कई बार राज्यसभा भी बाधित हुई है। विपक्ष ने संसद में इस मुद्दे को लेकर खूब हंगामा किया। वहीं बताते चलें कि जिन लोगो के फोन टैप किये गए उस सूची में कई मौजूदा मंत्रियों, नेताओं और पत्रकारों के नाम होने का दावा किया गया है।