कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्नाटक के स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की जीत इस बात का साफ संकेत है कि दक्षिणी राज्य के लोगों पर धर्मांतरण विरोधी कानून जैसे मुद्दों का कोई असर नहीं रहा और वे ‘ भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार’ कर रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां एक बयान में कहा, “हाल के उप-चुनाव परिणामों से यह स्पष्ट है कि लोग नाजायज और भ्रष्ट भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं, जिसने प्रगति पर ग्रहण लगा दिया है और शासन को पंगु बना दिया है।”
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में स्थानीय निकाय चुनावों का मत प्रतिशत भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकप्रियता में भारी गिरावट का संकेत देता है। कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस का मत प्रतिशत 42.06 फीसदी रहा जबकि भाजपा और जद (एस) का मत प्रतिशत क्रमशः 36.9 प्रतिशत और 3.8 प्रतिशत रहा।”
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों ने स्पष्ट रूप से स्थापित किया है कि मतदाता मूल्य वृद्धि, गिरती आय, नौकरियों, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लोक कल्याण के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता पर ध्यान देता है। सुरजेवाला ने कहा, “धर्मांतरण विरोधी कानून और मंदिरों के प्रबंधन जैसे गढ़े हुए मुद्दों पर लोगों ने ध्यान नहीं दिया है।”
उन्होंने कहा, “प्रगतिशील कन्नड़ लोग महसूस करते हैं कि इस तरह के मुद्दे किसी और की नहीं बल्कि विभाजनकारी ताकतों की मदद करते हैं। जबतक नाजायज और भ्रष्ट बोम्मई सरकार रहेगी है, तबतक वह विकास और प्रगति के लिए अभिशाप होगा।”
सुरजेवाला ने कहा कि 58 स्थानीय निकाय के चुनावों में, कांग्रेस ने 500 वार्डों में जीत दर्ज की है जबकि भाजपा 450 और जद(एस) 45 वार्डों में विजयी रही। सुरजेवाला ने कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार, कांग्रेस विधायक दल के नेता नेता सिद्धरमैया, विधायकों और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनावी नतीजों पर बधाई दी