महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की लिंचिंग मामले को लेकर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई। याचिका में मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने या विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की मांग की गई है।
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि हाई कोर्ट जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी से समय-समय पर रिपोर्ट मांगे। जनहित याचिका में यह भी मांग की गई है कि इस मामले में तेजी लाई जाए और कार चालक के परिवार को वित्तीय मुआवजा प्रदान किया जाए, जो उन तीन व्यक्तियों में शामिल थे, जिनकी ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
यह घटना 16 अप्रैल की रात को हुई जब तीन लोग- दो साधु और उनके चालक, एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से एक कार से गुजरात के सूरत की ओर जा रहे थे। उनकी गाड़ी को पालघर जिले के एक गाँव के पास रोक दिया गया जहाँ बच्चा चोर होने के शक में तीनों को कार से खींचकर बाहर निकाला गया और भीड़ ने तीनों की डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
मृतकों की पहचान जूना अखाड़ा के महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक नीलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई। याचिका में कहा गया है कि मामले में अब तक 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसे राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया गया है। सरकार ने लापरवाही के लिए पालघर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया है।